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वैक्सीन से मौत पर सरकार ने पल्ला झाड़ा

वैक्सीन से मौत पर सरकार ने पल्ला झाड़ा

* सुप्रीम कोर्ट में कहा - हम जिम्मेदार नहीं 



नई दिल्ली : कोविड वैक्सीन के कारण अगर किसी की मौत हो जाती है तो केंद्र सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। यह वात केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका की सुनवाई के दौरान कही। याचिका में कहा गया है। कि कोविड वैक्सीन के कारण दो किशोरियों की मौत हो गई। याचिका किशोरियों के माता-पिता की ओर से दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि टीकाकरण अभियान के लिए कोविड वैक्सीन का निर्माण थर्ड पार्टी ने किया था। इसके वाद भारत समेत दुनिया के कई देशों में इसका रेग्युलेटरी रिव्यू हुआ जो कि सफल रहा। ऐसे में कोविड वैक्सीन के कारण अगर कोई घटना होती है या रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस में किसी की मौत हो जाती है तो इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना कानूनी तौर पर सही नहीं है। यह अदालत में टिकने वाला नहीं है।


वैक्सीन से जुड़ी सारी जरूरी जानकारियां पब्लिक डोमेन में डाली गई थीं। यह नहीं कहा जा सकता कि जानकारी का अभाव था।

            - केंद्र सरकार

मौत के प्रति जताई संवेदना

केंद्र ने यह भी कहा कि वह 18 साल और 19 साल की किशोरियों की मौत के मामले में गहरी संवेदना व्यक्त करता है। परिवार के लिए कानूनी रास्ता हमेशा खुला है। मुआवजे का मसला 'केस टू केस' पर निर्भर करता है। इसके लिए सिविल कोर्ट में दावा किया जा सकता है।

'कोरोनारोधी टीके लगवाना स्वैच्छिक था'

हलफनामे में यह भी साफ किया गया कि कोविड वैक्सीन लगवाना स्वैच्छिक था। इसे अनिवार्य नहीं किया गया था। वैक्सीन लेना कानूनी तौर पर बाध्यकारी नहीं था। हालांकि सरकार ने लोगों को जोर-शोर से प्रोत्साहित किया था कि वे वैक्सीन लगवाएं। ऐसा करना जनहित में है। केंद्र ने कहा कि वैक्सीन के बारे में जितनी भी जरूरी जानकारियां थीं उन्हें पब्लिक डोमेन में डाला गया था। वैक्सीन सेंटरों पर मौजूद कार्यकर्ता भी लोगों को वैक्सीन से जुड़ी तमाम जानकारियां और साइड इफेक्ट के बारे में बताते थे। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि जानकारी का अभाव था।

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